जर्मन सीखने से बढ़ा आत्मविश्वास

जर्मन सीखने से बढ़ा आत्मविश्वास

जर्मन सीखने से बढ़ा आत्मविश्वास

बहुत कुछ अच्छा सीखने को मिला
जर्मन भाषा प्रशिक्षक देवकरण सैनी से बातचीत-2

जयपुर.
जर्मन भाषा प्रशिक्षक देवकरण सैनी जयपुर के ही नहीं बल्कि राजस्थान के प्रमुख जर्मन भाषा विशेषज्ञों में से एक बन गए है। अपनी लगन और जर्मन भाषा के प्रति समर्पण के कारण कई बार विदेश यात्रा भी कर चुके है। यहां प्रस्तुत है उनसे बाचतीत का दूसरा भाग-

जर्मन भाषा सीखने के बाद करिअर में कैसे बदलाव आता है

जर्मन भाषा सीखने से आप में पहला बदलाव तो यह आता है कि आप को यह कॉन्फिडेंस आ जाता है कि आप बेरोजगार नहीं रहेंगे। भाषा सीखने के बहाने आप अलग अलग संस्कृति के लोगों के साथ उठते बैठते हैं जिन कंपनियों में आप काम करते हो काम करने का अच्छा माहौल उपलब्ध कराती है। वह विश्व स्तरीय होने के साथ ही साथ दुनिया की लीडिंग कंपनियां टेक्नोलॉजी के मामले में भी होती है। इन कंपनियों में काम करने का अवसर आपको बहुत कुछ सिखाता है। आप में सीखने की चाह बढ़ती है। आप मेहनत करके आगे से आगे पहुंचने का प्रयास करते हैं और विदेश जाने का मौका मिलता है। आपको यह अनुभव होता है कि आप एक महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं जो समाज और देश के लिए कुछ कर सकता है।

क्या आपने विदेश यात्रा भी की है और विदेश यात्रा के क्या अनुभव रहे

हां, जर्मन सीखने के कारण ही मुझे दो बार यूरोप जाने का मौका मिला। कुछ देशों में घूमने का और सीखने का मौका मिला। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्कॉलरशिप मिलना आपको काबिल होने का एहसास कराता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों के साथ पढऩे और बात करने से आपको पता चलता है कि आप भी अपने देश को रिप्रेजेंट करने में सक्षम है। आपको वहां की अच्छी बातें पता चलती है तो समझ में आता है कि किसी देश का नाम दुनिया में क्यों गर्व के साथ लिया जाता है। आप दूसरे को जानते हो तो खुद को भी बेहतर जान पाते हो। मुझे अनुभव हुआ कि मैं वल्र्ड क्लास सिटीजन हूं दुनिया देखने से कॉन्फिडेंस बूस्ट होता है।

क्या आपने कारपोरेट सेक्टर में भी जर्मन भाषा के बूते काम किया है

मुझे जर्मन और फे्रंच कंपनियों जैसे कि बॉस, डॉयचे बैंक, सीमेंस, एक्सा जैसी कंपनियों में काम करने से पता चला कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियां किस लेवल पर कैसे काम करती है। वह बहुत ही हाई स्टैंडर्ड फॉलो करने के कारण दुनिया में चलती है। अपने कर्मचारी का ख्याल रखती हैं परफार्मेंस को तवज्जो देती है ना कि आदमी को। अच्छा पैसा पूर्ण माहौल देकर कर्मचारी को खुश रखती हैं और काम करवाना जानती है। प्रसन्न कर्मचारी इन कंपनियों के लिए जी जान से काम करते हैं और यह कंपनियां फिर दिन दूनी रात चौगुनी प्रगति करती चली जाती है। मैंने जर्मन भाषा के बूते 5 वर्ष कॉरपोरेट सेक्टर में काम किया है और इस दौरान मुझे जयपुर, पुणे, हैदराबाद, बेंगलुरु और कोलकाता में रहने का मौका मिला। सैकड़ों लोगों के साथ काम करने का मौका मिला जोकि अलग-अलग कल्चर और भाषाओं को जानने वाले थे यंग थे क्रिएटिव थे कुछ करना चाहते थे। लेकिन फिर मुझे एहसास हुआ दूसरों की फिल्में देखने के साथ ही साथ खुद की फिल्में भी बनाई जाए और मैंने फिर अपना काम शुरू किया।

आप वर्तमान में जर्मन भाषा में प्रशिक्षण का संस्थान संचालित कर रहे है। इसका अनुभव कैसा रहा। आपके संस्थान की क्या क्या उपलब्धियां है।

मैं 2010 से ई लैंग्वेज स्टूडियो और जर्मन स्पीकर्स क्लब संस्था संचालित कर रहा हूं। अपने विदेशी भाषा सिखाने के संस्थान में मैंने खासतौर पर जर्मन भाषा पर फोकस किया पिछले 11 सालों में 2000 लोगों को जर्मन भाषा सिखाई जिनमें से दर्जनों लोग आज यूरोप में सेटल हो चुके हैं और लगभग सभी प्लेसमेंट लिए है। हमारा संस्थान पूरे भारतवर्ष में अकेला है जिसमें प्रैक्टिकली क्लास रूम के अलावा 1 घंटे का लाइव सेशन होता है जिसमें रोजाना कई देशों से लोग भाग लेते हैं कोई भी स्टूडेंट बिना किसी झिझक के ऑनलाइन डिस्कशन में भाग ले सकता है। इस दौरान हमने महाभारत, रामायण के पात्रों और दृश्यों को जर्मन भाषा में फिल्माया। जर्मनी के नाटक जर्मन भाषा में किए एग्जिबीशंस भी की। यहां तक कि हम जर्मन भाषा में अखबार छापते हैं। जर्मन भाषा के लिए डेडीकेटेड हमारे यूट्यूब चैनल, जर्मन स्पीकर्स क्लब और ई लैंग्वेज स्टूडियो से हजारों लोग जर्मन सीख रहे हैं।

वर्तमान में आप ऑनलाइन भी जर्मन भाषा में सिख रहे है क्या इसमे विद्यार्थी सीखने में सफल हो पा रहे है

हम हम लोग ऑनलाइन भी जर्मन सिखाते हैं क्योंकि हमारा स्टूडियो टेक्नोलॉजी के हिसाब से बहुत बेहतरीन है जो क्लासेज हम लेते हैं ऑनलाइन उनके वीडियो भी हमारी ऐप द्वारा स्टूडेंट्स को उपलब्ध कराए जाते हैं ताकि वे क्लास के बाद में भी उनको देख सके। वीकली टेस्ट सीरीज से स्टूडेंट्स को पता लगता है कि वह कितना सीख रहे हैं। हर क्लास में हम स्टार ऑफ द वीक घोषित करते हैं ताकि विद्यार्थियों का मनोबल बढ़े वर्तमान में हमारे सभी कोर्स ऑनलाइन उपलब्ध है जो बहुत ही सफलता से चल रहे हैं।

जर्मन भाषा को सीखने वालों के प्लेसमेंट के लिए भी आपकी कोई योजना है क्या

वैसे तो जर्मन सीखने के बाद सभी का प्लेसमेंट होता है। हमारा भी दो बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ टाईअप है तथा हमारे विद्यार्थी जो कि बहुत सारी कंपनियों में पहले से ही वर्क कर रहे हैं। वह हमें बताते रहते हैं और इस तरह विद्यार्थियों को मदद करने की चेन चलती रहती है। जरूरत पडऩे पर हम कुछ और भी बहुराष्ट्रीय कंपनियों से टाई अप कर सकते हैं।

क्या आप सोशल मीडिया पर भी सक्रिय है

हम लोग सोशल मीडिया पर जैसे कि फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, ट्विटर, टेलीग्राम आदि सभी प्रमुख मंचों पर उपलब्ध हैं तथा अपने स्टूडेंट्स को लगातार मटेरियल उपलब्ध कराते रहते हैं।