दुनिया के वो देश जहां फ्री में होती है पढ़ाई, विदेशी बच्चों को भी मुफ्त दी जाती है शिक्षा

दुनिया के वो देश जहां फ्री में होती है पढ़ाई, विदेशी बच्चों को भी मुफ्त दी जाती है शिक्षा

दुनिया के वो देश जहां फ्री में होती है पढ़ाई, विदेशी बच्चों को भी मुफ्त दी जाती है शिक्षा

आज कल शिक्षा महंगी होती जा रही है, लेकिन कई जगहों पर स्टूडेंट्स से फीस के नाम पर एक रुपया भी नहीं लिया जाता। भारत में बच्चों को शिक्षा दिलवाना दिन-पर-दिन महंगा होता जा रहा है। वहीं, दुनिया में ऐसे कई देश हैं, जहां बच्चों को फ्री शिक्षा दी जाती है या बहुत ही कम खर्च आता है। ऐसे देश जहां स्टूडेंट्स को बिना पैसे खर्च किए पूरी शिक्षा मिलती है।

 

जर्मनी

जर्मनी एक ऐसा देश है जहां सिर्फ स्थानीय स्टूडेंट्स, बल्कि विदेशी बच्चों को भी फ्री में एजुकेशन दी जाती है। यहां सरकारी यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स से ट्यूशन फीस के नाम पर भी फीस नहीं ली जाती है। हालांकि, कुछ विश्वविद्यालय 11,000 रुपये तक एडमिनिस्ट्रेशन फीस लेते हैं। इस देश में लगभग 300 गवर्नमेंट यूनिवर्सिटीज हैं, जो 1000 से ज्यादा स्टडी प्रोग्राम ऑफर करते हैं।

 

नॉर्वे

नॉर्वे में भी स्थानीय और विदेशी बच्चों को मुफ्त शिक्षा जी जाती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां स्कूल एजुकेशन से लेकर डॉक्टरेट तक की पढ़ाई के लिए स्टूडेंट्स को एक रुपये भी फीस नहीं भरनी होती है। हालांकि, यहां पढ़ने आने वाले स्टूडेंट्स को इस देश की भाषा आनी जरूरी है। यहां गवर्नमेंट यूनिवर्सिटीज में विदेशी स्टूडेंट्स को पर सेमेस्टर 30-60 यूरो फीस लगती है। यह फीस स्टूडेंट्स यूनियन के लिए ली जाती है, जिसके बदले हेल्थ, काउंसलिंग, स्पोर्ट्स एक्टिविटीज और कैंप्स फैसिलिटी मिलती है।

 

स्वीडन

स्वीडन अपनी बेहतरीन शिक्षा शैली के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। यहां भी फ्री एजुकेशन दिया जाता है, लेकिन केवल यूरोपीय यूनियन/यूरोपीय इकोनॉमिक एरिया और स्वीडन के स्थाई निवासी स्टूडेंट्स के लिए ही यह सुविधा है। हालांकि, विदेशी छात्रों को ट्यूशन फीस बहुत कम देनी पड़ती है। हर साल लाखों स्टूडेंट्स यहां पढ़ाई करने के लिए जाते हैं। वहीं, विदेशी छात्रों के लिए स्वीडन में पीएचडी की पढ़ाई बिल्कुल फ्री है।

 

फिनलैंड

फिनलैंड भी छात्रों को मुफ्त शिक्षा देता है। यहां छात्रों को बैचलर्स और मास्टर्स में कोई फीस नहीं देनी पड़ती। पीएचडी की पढ़ाई करने वालों मुफ्त शिक्षा के साथ ही सरकार सैलरी भी देती है। यहां यूरोपीयन स्टूडेंट्स के अलावा बाहर के स्टूडेंट्स स्वीडीश या फिनिश लैंग्वेज में कोई कोर्स करते हैं तो उन्हें किसी तरह की फीस नहीं देनी पड़ती है।