भविष्य के चार्जिंग स्टेशन

भविष्य के चार्जिंग स्टेशन

भविष्य के चार्जिंग स्टेशन

प्रकति के पास कुछ संसाधन बहुत कम है तो कुछ संसाधनों का अथा भण्डार है। आज विश्व भर में पेट्रोलियम, डीजल गैस जो की ऊर्जा के संसाधन है कि मांग बहुत ज्यादा हो रही है। लेकिन इन संसाधनों की उपलब्धता सीमित मात्रा में है। क्योंकि किसी भी देश की अर्थव्यवस्था इन के अभाव में प्रगति कर ही नहीं सकती है और उस देश की आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाएगी। समाधान के तौर पर विश्व भर के देशों ने इस संसाधनों के ख़त्म होने से पूर्व ही पूरक के रूप में विधुत को चुन लिया  है। क्योंकि प्रकृति में इस संसाधन की मात्रा असीमित है। ऊर्जा कभी भी नष्ट नहीं होती है बल्कि वह अपना रूप बदल लेती है। विधुत का उत्पादन हम बहुत से तरीको से कर सकते है। जिसका उत्पादन सस्ता इको फ्रेंड्ली होता है। इसके उत्पादन में जिनका उपयोग किया जाता है। वो कभी ख़त्म नहीं होगें जब तक यह प्रकृति है। जब तक यह प्रकृति रहेगी तब तक यह सभी संसाधन रहेंगे।


EV भविष्य चार्ज कर रहा है:-

2030 में बेची जाने वाली लगभग आधी नई यात्री कारें ईवी होंगी, जबकि 2022 में यह केवल 10% थीं। पारंपरिक या विरासती उत्पादों में पहले से ही बड़े पूंजी निवेश के कारण व्यापक रूप से उपलब्ध ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचे में आवश्यक बदलाव करना एक बड़ी चुनौती होगी। जिस प्रकार से ईवी कारों मोटरसाइकलों की मांग गति पकड़ रही है उस हिसाब से तो विश्व भर में पेट्रोल और डीजल पम्पों का स्थान चार्जिंग स्टेशन को लेने में बहुत ज्यादा समय नहीं लगने वाला है।


एक कार को चार्ज करने में कितनी यूनिट बिजली लगती है:-

इसे kWh (किलोवाट-घंटे) में मापा जाता है। यदि आप 1 घंटे के लिए 1 किलोवाट बिजली की खपत करते हैं, तो इसका मतलब है कि आप 1 किलोवाट या 1 यूनिट बिजली की खपत करते हैं। उदाहरण: महिंद्रा e2o को 100 किमी तक फुल चार्ज करने के लिए 10 यूनिट बिजली की आवश्यकता होगी। 60 किमी की दूरी तय करने के लिए कार को 6 यूनिट बिजली की जरूरत होगीजिस प्रकार एक ईवी वाहन को 60 किमी की दूरी तय करने के लिए कार को 6 यूनिट बिजली की जरूरत होगी। अर्थात कम खर्च में वाहन चर्चा हो पाएंगे। तो वाहनों की मांग भी बढ़ेगी और चार्चिंग स्टेशनों की मांग भी उतनी तेजी से ही बढ़ेगी। जो की रोजगार के सेक्टर में एक नई किरण होगी।


सस्ती इलेक्ट्रिक कार कंपनी:-

अगर आप भी एक इलेक्ट्रिक कार खरीदने की सोच रहे हैं, तो आज यहां हम भारत की पांच सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कारों के बारे में बता रहे है-

1. टाटा टिआगो ईवी

2. सिट्रोएन सी3

3. टाटा टिगोर ईवी

4. टाटा नेक्सन ईवी

5. एमजी जेडएस ईवी